कहलाती है स्त्री जो, है प्रथम शैलपुत्री वो। कहलाती है स्त्री जो, है प्रथम शैलपुत्री वो।
पहुँचना है मुझे उस अंबर की ऊँचाई तक, चमकना है मुझे सूर्य की भांति हर दिशा में l पहुँचना है मुझे उस अंबर की ऊँचाई तक, चमकना है मुझे सूर्य की भांति हर दिशा मे...
मैं दयालू, मैं भयावह, मैं ही तेरी मातृ हूँ मैं एक नारी हूँ मैं दयालू, मैं भयावह, मैं ही तेरी मातृ हूँ मैं एक नारी हूँ
बालक हैं अबोध अभी जो, बालपने से हमें ललचाते। बालक हैं अबोध अभी जो, बालपने से हमें ललचाते।
दोनों अपनी ही संतान हैं, ये बात जन-जन तक पहुंचानी है। दोनों अपनी ही संतान हैं, ये बात जन-जन तक पहुंचानी है।
कई वर्ष तक राज किया अयोध्या वासी सुखी हुए। कई वर्ष तक राज किया अयोध्या वासी सुखी हुए।